Skip to content

Class IX – Hindi B – Paper – 1

निर्धारित समय: 3 hours                                                                                       अधिकतम अंक: 80

सामान्य निर्देशः

• इस प्रश्नपत्र में चार खंड हैं- क, ख, ग और घ

• खंड क में अपठित गदयांश से प्रश्न पूछे गए हैं, जिनके उत्तर दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए दीजिए।

• खंड ख में व्यावहारिक व्याकरण से प्रश्न पूछे गए हैं, आंतरिक विकल्प भी दिए गए हैं।

• खंड ग पाठ्यपुस्तक पर आधारित है, निर्देशानुसार उत्तर दीजिए ।

• खंड घ रचनात्मक लेखन पर आधारित है आंतरिक विकल्प भी दिए गए हैं।

• प्रश्न पत्र में कुल 17 प्रश्न हैं, सभी प्रश्न अनिवार्य है।

• यथासंभव सभी खंडों के प्रश्नों के उत्तर क्रमशः लिखिए।

खंड क- अपठित बोध

1. निम्नलिखित गद्यांशों को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-

हरियाणा के पुरातत्व विभाग द्वारा किए गए अब तक के शोध और खुदाई के अनुसार लगभग 5500 हेक्टेयर में फैली यह राजधानी ईसा से लगभग 3300 वर्ष पूर्व मौजूद थी। इन प्रमाणों के आधार पर यह तो तय हो ही गया है कि राखीगढ़ी की स्थापना उससे भी सैकड़ों वर्ष पूर्व हो चुकी थी।

अब तक यही माना जाता रहा है कि इस समय पाकिस्तान में स्थित हड़प्पा और मोहनजोदड़ो ही सिंधुकालीन सभ्यता के मुख्य नगर थे। राखीगढ़ी गाँव में खुदाई और शोध का काम रुक- रुक कर चल रहा है। हिसार का यह गाँव दिल्ली से मात्र एक सौ पचास किलोमीटर की दूरी पर है। पहली बार यहाँ 1963 में खुदाई हुई थी और तब इसे सिंधु-सरस्वती सभ्यता का सबसे बड़ा नगर माना गया। उस समय के शोधार्थियों ने सप्रमाण घोषणाएँ की थीं कि यहाँ दबे नगर, कभी मोहनजोदड़ो और हड़प्पा से भी बड़े रहे होगें । अब सभी शोध विशेषज्ञ इस बात पर सहमत हैं कि राखीगढ़ी, भारत-पाकिस्तान और अफगानिस्तान का आकार और आबादी की दृष्टि से सबसे बड़ा शहर था । प्राप्त विवरणों के अनुसार समुचित रूप से नियोजित इस शहर की सभी सड़के 1.92 मीटर चौड़ी थीं। इनकी चौड़ाई कालीबंगा की सड़कों से भी ज्यादा है। एक ऐसा बर्तन भी मिला है, जो सोने और चाँदी की परतों से ढका है। इसी स्थल पर एक ‘फाउंड्री’ के भी चिह्न मिले हैं। जहाँ संभवतः सोना ढाला जाता होगा। इसके अलावा टेराकोटा से बनी असंख्य प्रतिमाएँ, ताँबे के बर्तन और कुछ प्रतिमाएँ और एक ‘फर्नेस’ के अवशेष भी मिले हैं। मई 2012 में ‘ग्लोबल हैरिटेज फंड’ ने इसे एशिया के दस ऐसे विरासत स्थलों की सूची में शामिल किया है, जिनके नष्ट हो जाने का खतरा है।

राखीगढ़ी का पुरातात्विक महत्व विशिष्ट है। इस समय यह क्षेत्र पूरे विश्व के पुरातत्व विशेषज्ञों की दिलचस्पी और जिज्ञासा का केंद्र बना हुआ है। यहाँ बहुत से काम बकाया हैं जो अवशेष मिले हैं, उनका समुचित अध्ययन अभी शेष है। उत्खनन का काम अब भी अधूरा है।

1. राखीगढ़ी किस राज्य में है?

(क) पाकिस्तान

(ख) एशिया

(ग) हरियाणा

(घ) मोहनजोदड़ो

View Answer

Ans. (ग) हरियाणा


2. विशेषज्ञ राखीगढ़ी में विशेष रुचि क्यों ले रहे हैं?

(क) क्योंकि इसका समुचित अध्ययन अभी शेष है

(ख) क्योंकि खुदाई और शोध का काम रुक-रुक कर चल रहा है

(ग) क्योंकि यहाँ दबे नगर, कभी मोहनजोदड़ो और हड़प्पा से भी बड़े रहे होगें

(घ) क्योंकि इसे एशिया के दस ऐसे विरासत स्थलों की सूची में शामिल किया है, जिनके नष्ट हो जाने का खतरा है

View Answer

Ans. (क) क्योंकि इसका समुचित अध्ययन अभी शेष है


3. राखी गढ़ी को विरासत स्थलों में क्यों स्थान दिया गया है ?

(क) इसे सिंधु-सरस्वती सभ्यता का सबसे बड़ा नगर माना गया है

(ख) सरकार की ओर से उसका विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

(ग) इसकी खुदाई में टेराकोटा की मूर्तियाँ, ताँबे के बर्तन, सोने चाँदी की परतों वाला बर्तन आदि मिले हैं

(घ) राखी गढ़ी के नष्ट हो जाने के खतरे के कारण इसे एशिया के ‘विरासत स्थलों’ में स्थान मिला है

View Answer

Ans. (घ) राखी गढ़ी के नष्ट हो जाने के खतरे के कारण इसे एशिया के विरासत स्थलोंमें स्थान मिला है


4. अब सिंधु-सरस्वती सभ्यता का सबसे बड़ा नगर किसे मानने की संभावनाएँ हैं और क्यों?

View Answer

Ans. हरियाणा के पुरातत्व विभाग के द्वारा राखीगढ़ी को सबसे बड़ा नगर माना गया है। शोध अनुसार खुदाई में प्राप्त यह नगर व्यवस्था 55000 हेक्टेयर में फैली है। प्रमाणों के अनुसार यह व्यवस्था 33000 वर्ष से भी ज्यादा पुरानी है।


5. यह किस प्रकार स्पष्ट होता है कि राखी गढ़ी में नगर व्यवस्था विकसित थी ?

View Answer

Ans. राखी गढ़ी नगर का क्षेत्रफल मोहनजोदड़ों और हड़प्पा से अधिक था, उसकी सड़कें चौड़ी और अन्य नगरों से जुड़ी थी। उसकी आबादी अधिक एवं व्यवस्था पूर्ण रूप से नियोजित और विकसित थी।


2. निम्नलिखित गद्यांशों को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-

प्रकृति की ताकत के सामने इंसान कितना बौना है, यह कुछ समय पहले फिर सामने आया। यों प्रकृति सहनशीलता, धैर्य, अनुशासन की प्रतिमूर्ति के रूप में हमारा पथ-प्रदर्शन करती है, हमारे भीतर संघर्ष का भाव जगाकर समस्या के हल के लिए उत्प्रेरक का काम करती है, लेकिन जब भी इंसान ने खुद को जीवन देने वाले प्रकृति प्रदत्त उपहारों, जैसे- जल, जंगल और जमीन का शोषण जोंक की भाँति करने की कोशिश की, तब चेतावनी के रूप में प्रकृति के अनेक रंग देखने को मिले हैं। जल का स्वभाव है अविरल प्रवाह, जिसे बाँधना वर्तमान समय में मनुष्य की फितरत बन गई है। वनों ने हमेशा मनुष्य को लाभ ही दिया, लेकिन स्वार्थ में अंधे मनुष्य ने वनों को बेरहमी से उजाड़ने, पेड़ों को काटने में कभी संकोच नहीं किया। नदियों की छाती को छलनी कर अवैध खनन के रोज नए रिकॉर्ड बनाना इंसान का स्वभाव बन चुका है। पहाड़ों को खोदकर अट्टालिकाएँ खड़ी करने में हमें कोई हिचक नहीं होती । पृथ्वी के गर्भ से भू-जल, खनिज, तेल आदि को अंधाधुंध या बेलगाम तरीके से निकाले जाने का सिलसिला जारी है। इसलिए नतीजे के तौर पर अगर हर साल तबाही का सामना करना पड़े तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होनी चाहिए।

हमें याद रखना होगा कि जब भी प्रकृति अपना अनुशासन तोड़ती है, तब भारी तबाही का मंजर ही सामने आता है। आज जरूरत इस बात की नहीं कि हम इतिहास का दर्शन कर खुद को अभी भी पुरानी हालत और रवैए में रहने दें, बल्कि आवश्यकता इस बात की है कि हम प्रकृति के इस रूप को गंभीरता से लेते हुए अपने आचरण में यथोचित सुधार करें और प्रकृति की सीमा का अतिक्रमण न करें।

1. प्रकृति की ताकत के सामने मानव कब बौना हो जाता है?

(क) जब मनुष्य वनों को बेरहमी से उजाड़ता है

(ख) जब हम प्रकृति की सीमा का अतिक्रमण करते हैं

(ग) जब प्रकृति अपना अनुशासन तोड़ती है

(घ) जब प्रकृति हमारा पथ-प्रदर्शन करती है

View Answer

Ans. (ग) जब प्रकृति अपना अनुशासन तोड़ती है


2. प्रकृति के अनुशासन तोड़ने का क्या परिणाम होता है? 

(क) प्रकृति के अनेक रंग देखने को मिले हैं

(ख) भारी तबाही का मंजर सामने आता है

(ग) प्रकृति हमारा पथ-प्रदर्शन करती है

(घ) प्रकृति अनुशासन की प्रतिमूर्ति बन जाती है

View Answer

Ans. (ख) भारी तबाही का मंजर सामने आता है


3. जल का स्वभाव है अविरल प्रवाह, जिसे बाँधना वर्तमान समय में मनुष्य की फितरत बन गई है। यहाँ अविरल का क्या अर्थ है?

(क) निरन्तर प्रवाह

(ख) अवरुद्ध प्रवाह

(ग) रुक रुक कर चलना

(घ) अस्थाई प्रवाह

View Answer

Ans. (क) निरन्तर प्रवाह


4. प्रकृति के अनेक रंग कब देखने को मिले हैं?

View Answer

Ans. जब इंसान ने खुद को जीवन देने वाले प्रकृति प्रदत्त उपहारों, जैसे- जल, जंगल और जमीन का शोषण जोंक की भाँति करने की कोशिश की, अर्थात जब हम स्वार्थवश अतिदोहन की प्रक्रिया को अंजाम देते हैं तब चेतावनी के रूप में प्रकृति के अनेक रंग देखने को मिले हैं।


5. इस गद्यांश के माध्यम से लेखक ने क्या संदेश दिया है?

View Answer

Ans.  इस गद्यांश के माध्यम से लेखक ने यह संदेश दिया है कि हम अपने अधिकाधिक लाभ कमाने के पुराने रवैए को छोड़कर अपने आचरण में यथोचित सुधार करना होगा । हमें प्रकृति की सीमा क अतिक्रमण नहीं करना चाहिए अन्यथा हमें गंभीर प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ेगा।


खंड ख – व्यावहारिक व्याकरण

3. निम्नलिखित प्रश्नों में से निर्देशानुसार किन्हीं दो प्रश्नों का उत्तर दीजिए

(i) वाक्य में प्रयुक्त होने के बाद पद किनसे प्रभावित होते हैं?

View Answer

Ans. वाक्य में प्रयुक्त होने के बाद पद लिंग, वचन, कारक, काल आदि से प्रभावित होते हैं । जैसे- बालक पढ़ता है। बालक पढ़ते हैं ।


(ii) व्याकरणिक नियमों के अनुसार शब्द व पद में क्या अंतर है?

View Answer

Ans. व्याकरणिक नियमों के अनुसार शब्द एवं पद में अंतर निम्नलिखित है-

शब्द- वर्णों के सार्थक मेल को शब्द कहते हैं। ये व्याकरणिक नियमों से स्वतंत्र होते हैं, तथा इनके अर्थ कोश में मिलते हैं।

पद- किसी वाक्य में प्रयुक्त शब्दों को पद कहते हैं। ये व्याकरणिक नियमों से बँधे होते हैं, तथा इनके अर्थ कोश में नहीं मिलते हैं।


(iii) भावों विचारों की अभिव्यक्ति में क्या महत्त्वपूर्ण हैं ?

View Answer

Ans. भावों एवं विचारों की अभिव्यक्ति में शब्द महत्त्वपूर्ण हैं। बिना शब्दों के कोई भी व्यक्ति अपने

भावों या विचारों को दूसरों तक नहीं पहुँचा सकता है। क्रोध, प्रेम, ईर्ष्या आदि भावों के लिए शब्द आवश्यक हैं।


4. निम्नलिखित में से किन्हीं दो शब्दों में उचित स्थान पर अनुस्वार या अनुनासिक का प्रयोग कर उन्हें मानक रूप में लिखिए i. निस्सन्कोच

ii. सम्भावना

iii. वस्तुए

View Answer

Ans.  i. निस्संकोच

ii. संभावना 

iii. वस्तुएँ 


5. निर्देशानुसार उत्तर लिखिए-

निम्नलिखित शब्दों में प्रयुक्त उपसर्ग एवं मूल शब्द अलग करके लिखिए- (किन्ही दो)

i. अस्थायी

ii. उपयोग

iii. अभियांत्रिक

View Answer

Ans. उपसर्ग

i. अस्थायी = उपसर्ग और स्थायीमूल शब्द है। 

ii. उपयोग = उपउपसर्ग और योगमूल शब्द है । 

iii. अभियांत्रिक = ‘अभि’ उपसर्ग ‘यांत्रिक’ मूल शब्द है।


निम्नलिखित मूल शब्दों में प्रत्यय जोड़कर बनने वाले शब्द लिखिए- (किन्ही दो)

i. विद्या + वान

ii. चालाक + ई

iii. जड़ + इया

View Answer

Ans. प्रत्यय

i. विद्या + वान = विद्वान 

ii. चालाक + ई = चालाकी 

iii. जड़ + इया = जड़िया


6. निर्देशानुसार किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।

i. देव + ऋषि (संधि कीजिए)

ii. मत + ऐक्य (संधि कीजिए)

iii. चंद्रोदय (संधि-विच्छेद कीजिए)

iv. स्वागत (संधि-विच्छेद कीजिए)

View Answer

Ans. i. देवर्षि

ii. मतैक्य

iii. चंद्र + उदय

iv. सु + आगत


7. निम्नलिखित वाक्यों में से किन्ही दो में उचित स्थान पर सही विराम चिह्न लगाइए-

i. अरे तुम कब आए

ii. गाँधी जी ने कहा था करो या मरो

iii. मित्रों ने आते ही कहा क्या यहाँ गाना-बजाना होगा

View Answer

Ans. i. अरे! तुम कब आए?

ii. गाँधीजी ने कहा था-करो या मरो।

iii. मित्रों ने आते ही पूछा, “क्या यहाँ गाना-बजाना होगा?”


8. निर्देशानुसार किन्हीं तीन प्रश्नों का उत्तर दीजिए ।

i. भगवान तुम्हें दीर्घायु करें। (अर्थ के आधार पर वाक्य भेद)

ii. अहा! कितना सुन्दर उपवन है। (अर्थ के आधार पर वाक्य भेद)

iii. क्या उर्वशी बाज़ार जाएगी ? (विधानवाचक वाक्य)

iv. तृप्ति हिंदी भी पढ़ लेती है। (इच्छावाचक वाक्य)

View Answer

Ans.  i. इच्छावाचक वाक्य 

ii. विस्मयादिवाचक वाक्य 

iii. उर्वशी बाज़ार जाएगी।

iv. काश, तृप्ति हिन्दी पढ़ लेती। अथवा ईश्वर करे, तृप्ति हिंदी भी पढ़ ले।


खंड ग – गद्य खंड (पाठ्यपुस्तक)

9. अनुच्छेद को ध्यानपूर्वक पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:

एवरेस्ट की तरफ गौर से देखते हुए, मैंने एक भारी बर्फ का बड़ा फूल (प्लूम) देखा, जो पर्वत- शिखर पर लहराता एक ध्वज-सा लग रहा था। मुझे बताया गया कि यह दृश्य शिखर की ऊपरी सतह के आसपास 150 किमी अथवा इससे भी अधिक की गति से हवा चलने के कारण बनता था, क्योंकि तेज हवा से सूखा बर्फ पर्वत पर उड़ता रहता था। बर्फ का यह ध्वज 10 किमी या इससे भी लंबा हो सकता था। शिखर पर जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति को दक्षिण- पूर्वी पहाड़ी पर इन तूफानों को झेलना पड़ता था, विशेषकर खराब मौसम में। यह मुझे डराने के लिए काफी था, फिर भी मैं एवरेस्ट के प्रति विचित्र रूप से आकर्षित थी और इसकी कठिनतम चुनौतियों का सामना करना चाहती थी।

(i) पर्वत शिखर पर फूल (प्लूम) कैसे बनता था?

क) वर्षा के द्वारा

ख) अत्यधिक गति से बर्फीली हवाओं के चलने से

ग) प्रकृति के द्वारा

घ) पर्वतारोहियों के द्वारा

View Answer

Ans. ख) अत्यधिक गति से बर्फीली हवाओं के चलने से


(ii) अधिक गति से हवा चलने पर पर्वत पर क्या प्रतिक्रिया होती है?

क) सूखा बर्फ पर्वत पर उड़ता रहता है

ख) तूफान आने की संभावना बनी रहती है

ग) पर्वत टूटकर गिरने लगता है

घ) पर्वत छोटे-छोटे खंडों में बँट जाता है

View Answer

Ans. ख) तूफान आने की संभावना बनी रहती है


(iii) शिखर पर जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति को कहाँ से आने वाले तूफानों को झेलना पड़ता है?

क) पूर्वी दक्षिणी पहाड़ी से

ख) दक्षिणी-पश्चिमी पहाड़ी से

ग) उत्तर-पूर्वी पहाड़ी से

घ) दक्षिण-पूर्वी पहाड़ी से

View Answer

Ans. घ) दक्षिण-पूर्वी पहाड़ी से


(iv) लेखिका कठिनतम चुनौतियों का सामना क्यों करना चाहती थी?

क) एवरेस्ट के प्रति विचित्र रूप से आकर्षित होने के कारण

ख) स्वयं की योग्यता जाँचने के कारण

ग) स्वयं को श्रेष्ठ सिद्ध करने के कारण

घ) अपने पिता के सपने को पूरा करने के कारण

View Answer

Ans. क) एवरेस्ट के प्रति विचित्र रूप से आकर्षित होने के कारण


(v) गद्यांश के अनुसार, एवरेस्ट की खराब मासम म कसा स्थिति होती है?

क) काफी विषम परिस्थितियाँ होती हैं

ख) इनमें से कोई नहीं

ग) वहाँ हल्की-हल्की हवाएँ चलती हैं

घ) वहाँ का मौसम समान रहता है

View Answer

Ans. क) काफी विषम परिस्थितियाँ होती हैं


10. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में दीजिए:

(i) खरबूजे बेचने वाली बुढ़िया के खरबूजे क्यों नहीं बिक रहे थे?

View Answer

Ans. फुटपाथ पर कुछ खरबूजे डलिया में और कुछ जमीन पर बिक्री के लिए रखे थे। खरबूजों के समीप एक अधेड़ महिला कपड़े से मुँह छिपाए सिर को घुटनों पर रखे फफक-फफक कर रो रही थी इसलिए उसके खरबूजे बिक नहीं पा रहे थे।


(ii) यदि अतिथि पाँचवें दिन भी रुक जाता तो लेखक की क्या दशा हो सकती थी?

View Answer

Ans. यदि अतिथि पाँचवें दिन भी रुक जाता तो लेखक की बची-खुची सहनशक्ति भी जवाब दे जाती । वह आतिथ्य के बोझ को और न सह पाता। डिनर से उतरकर खिचड़ी से होते हुए उपवास करने की स्थिति आ जाती। वह किसी भी स्थिति में अतिथि का सत्कार न कर पाता।


(iii) सर चंद्रशेखर वेंकट रामन् को समय-समय पर किन-किन पुरस्कारों से सम्मानित किया गया?

View Answer

Ans. सर चंद्रशेखर वेंकट रामन् को सन् 1924 में रॉयल सोसाइटी की सदस्यता से सम्मानित किया गया। फिर सन् 1929 में उन्हें ‘सर’ की उपाधि प्रदान की गई। सन् 1930 उन्हें विश्व के सर्वोच्च पुरस्कार-भौतिकी में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। सोवियत रूस का अंतर्राष्ट्रीय लेनिन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। रोम का मेत्युसी पदक मिला। अंततः सन् 1954 में रामन् को देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।


(iv) गांधी जी ने महादेव को अपना वारिस कब कहा था? शुक्र तारे के समान पाठ के आधार पर लिखिए।

View Answer

Ans. जलियाँवाला बाग के हत्याकांड के वक्त पंजाब जाते हुए गांधीजी को पलवल स्टेशन पर गिरफ्तार कर लिया गया। गांधी जी ने उसी समय महादेव भाई को अपना वारिस कहा था।


खंड ग – काव्य खंड (पाठ्यपुस्तक)

11. अनुच्छेद को ध्यानपूर्वक पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:

“धनि रहीम जल पंक को, लघु जिय पिअत अघाय ।

उदधि बड़ाई कौन है, जगत पिआसो जाय।।”

(i) कवि ने किसके जल को धन्य कहा है?

क) तालाब

ख) सागर

ग) कीचड़

घ) नदी

View Answer

Ans. ग) कीचड़


(ii) कवि के अनुसार कीचड़ का जल किस काम आता है?

क) घृणा करने के

ख) मनुष्य को गंदा करने के

ग) कमल खिलाने के

घ) छोटे जीव की प्यास बुझाने के

View Answer

Ans. घ) छोटे जीव की प्यास बुझाने के


(iii) संसार के प्राणियों की प्यास कौन नहीं बुझा पाता है?

क) नदी का जल

ग) कीचड़ का जल

ख) तालाब का जल

घ) समुद्र का जल

View Answer

Ans. घ) समुद्र का जल


(iv) संसार के प्राणी समुद्र के पास जाकर भी प्यासे क्यों रह जाते हैं?

क) उसके लहराते जल के कारण

ख) उसकी विशालता के कारण

ग) उसके जल से प्यास न बुझने के कारण

घ) उसकी महानता के कारण

View Answer

Ans. ग) उसके जल से प्यास न बुझने के कारण


(v) एक साथ कई कार्य करने से क्या होता है?

क) कार्य करने की क्षमता बढ़ती है

ख) कोई भी कार्य पूरा नहीं होता है

(ग) कार्य करने वाले की प्रशंसा होती है

घ) सभी कार्य सिद्ध हो जाते हैं

View Answer

Ans. ख) कोई भी कार्य पूरा नहीं होता है


12. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में दीजिए:

(i) भाव स्पष्ट कीजिए- ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै

View Answer

Ans. हे प्रभु! आपके अतिरिक्त भक्तों को इतना मान-सम्मान देनेवाला कोई और नहीं है। अर्थात् समाज में नीची जाति में उत्पन्न होने के कारण आदर-सम्मान मिलना कठिन होता है परंतु ईश्वर के यहाँ जातिगत भेद-भाव नहीं होता। वे सबके सम्मान की लाज रखते हैं। प्रभु ही सबका कल्याण करते हैं। उनके अतिरिक्त कोई ऐसा नहीं है जो गरीबों और दोनों की खोज-खबर रखता है। ईश्वर ही अछूतों को ऊँचे पद पर आसीन करते हैं।


(ii) गीत अगीत कविता के आधार पर शुक और शुकी के गायन का भेद लिखिए।

View Answer

Ans. शुक जब घनी डाल पर बैठकर प्रणय-गीत शुकी को सुनाता है, तब शुकी के मन को वह गीत वासंती किरणों के समान छू जाता है। खुशी के कारण उसके कंठ से बोल भी नहीं निकलते। वह अपने अंडों को से रही होती है और उसके गीत मातृत्व में सनकर रह जाते हैं। अतः शुक का गायन सस्वर है जबकि शुकी का निःशब्द ।


(iii) तू न थमेगा कभी! तू ने मुड़ेगा कभी पंक्ति में कवि हरिवंश राय बच्चन मनुष्य को क्या प्रेरणा देना चाहता है?

View Answer

Ans. अग्निपथ संघर्षमय जीवन का प्रतीक है। जीवन-पथ पर आगे बढ़ने के लिए आत्मविश्वास देता है सीमित सुख-साधनों में गुजारा करना तथा कठोर परिश्रम तथा निडरता की आवश्यकता है।


(iv) हमारे देश में मानसिक और शारीरिक श्रम करने वालों में किस प्रकार का भेदभाव किया जाता है? खुशबू रचते हाथ कविता के आलोक में लिखिए।

View Answer

Ans. हमारे देश में मानसिक श्रम करने वाले को मध्य वर्ग का, पढ़ा-लिखा तथा सम्मानपूर्ण स्थान मिलता है जबकि शारीरिक श्रम करने वाले गरीब मजदूरों को निम्न वर्ग का, अशिक्षित जाहिल समझा जाता है। समाज में उन्हें सम्मान प्राप्त नहीं होता है।


खंड ग – संचयन (पूरक पाठ्यपुस्तक)

13. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में दीजिए:

(i) लेखिका महादेवी वर्मा को जीव-जंतुओं की संवेदनाओं की सूक्ष्म समझ थी। इसे स्पष्ट करते हुए बताइए कि आपको इनसे किन किन मूल्यों को अपनाने की सीख मिलती है?

View Answer

Ans. लेखिका अत्यंत संवेदनशील थीं मनुष्य ही नहीं पशु-पक्षियों का दुख भी उनसे नहीं देखा जाता था। इसके अलावा उसे जीव-जंतुओं की भावनाओं की सूक्ष्म समझ थी। लेखिका ने देखा कि वसंत ऋतु में गिल्लू अन्य गिलहरियों की चिक-चिक सुनकर उन्हें अपनेपन के भाव से खिड़की में से निहारता रहता है तो उन्होंने तुरंत कीलें हटवाकर खिड़की की जाली से रास्ता बनवा दिया, जिससे वह बाहर जाकर अन्य गिलहरियों के साथ उछल-कूद करने लगा। इससे हमें जीव-जंतुओं की भावनाएँ समझने, उनके प्रति दयालुता दिखाने तथा जीवों को उनके प्राकृतिक आवास में पहुँचाने की प्रेरणा मिलती है।


(ii) लेखक को कौन-सी पुस्तक समझ में नहीं आई और किसे पुस्तक ने उसे रोमांचित कर दिया? मेरा छोटा सा पुस्तकालय पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए।

View Answer

Ans. लेखक को ‘सत्यार्थ प्रकाश’ के खंडन-मंडन वाले अध्याय समझ में नहीं आते थे। इसके विपरीत ‘स्वामी दयानंद की एक जीवनी’ की अनेक घटनाएँ-चूहे को भगवान का भोग खाते देख यह मान लेना कि प्रतिमाएँ भगवान नहीं होतीं, घर छोड़कर भाग जाना, तीर्थों, जगलों, गुफाओं, हिम शिखरों पर साधुओं के साथ घूमना, भगवान क्या है, सत्य क्या है आदि ने उसे रोमांचित कर दिया।


(iii) कल्लू कुम्हार की उनाकोटी में लेखक ने कटी पतंग योग किसे कहा है और इसका क्या महत्व है?

View Answer

Ans. लेखक की अपनी व्यक्तिगत दिनचर्या है कि वह सूर्योदय के साथ जगकर स्वयं अपने लिए चाय बनाता है फिर चाय और अखबार के साथ लंबी अलसाई सुबह का आनंद लेता है। लेखक अखबार नहीं पढ़ता पर इस बहाने वह अपने दिमाग को कटी पतंग की तरह हवा में उड़ने देता है। इससे लेखक को बेहद ऊर्जा प्राप्त होती है। दिमाग को इस प्रकार खुला छोड़ देने की क्रिया को उसने ‘कटी पतंग योग’ कहा है। लेखक का मानना है कि इस क्रिया द्वारा उसे एक और दिन के लिए दुनिया का सामना करने में मदद मिलती है। लेखक ने यहाँ ऐसी दुनिया का सामना करने की बात कही है, जिसके बारे में समझने में वह स्वयं असमर्थ है। ‘कटी पतंग योग’ के द्वारा वह दुनिया को समझने की कोशिश करता है।


खंड घ – रचनात्मक लेखन

14. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में अनुच्छेद लिखियेः

(i) आज की बचत कल का सुख विषय पर दिए गए संकेत बिंदुओं के आधार पर अनुच्छेद लिखिए।

■ बचत का अर्थ एवं स्वरूप

■ दुःखदायक स्थितियों में बचत का महत्त्व

■ वर्तमान और भविष्य को सुरक्षित करना

View Answer

Ans.

आज की बचत कल का सुख

वर्तमान आय का वह हिस्सा, जो तत्काल व्यय (खर्च) नहीं किया गया और भविष्य के लिए सुरक्षित कर लिया गया बचतकहलाता है। पैसा सब कुछ नहीं रहा, परंतु इसकी ज़रूरत हमेशा सबको रहती है। आज हर तरफ़ पैसों का बोलबाला है, क्योंकि पैसों के बिना कुछ भी नहीं। आज जिंदगी और परिवार चलाने के लिए पैसे की ही अहम भूमिका होती है। आज के समय में पैसा कमाना जितना मुश्किल है, उससे कहीं अधिक कठिन है। पैसे को अपने भविष्य के लिए सुरक्षित बचाकर रखना, क्योंकि अनाप-शनाप खर्च और बढ़ती महँगाई के अनुपात में कमाई के स्रोतों में कमी होती जा रही है, इसलिए हमारी आज की बचत ही कल हमारे भविष्य को सुखी और समृद्ध बना सकने में अहम भूमिका निभाएगी।

जीवन में अनेक बार ऐसे अवसर आ जाते हैं, जैसे आकस्मिक दुर्घटनाएँ हो जाती हैं, रोग या अन्य शारीरिक पीड़ाएँ घेर लेती हैं, तब हमें पैसों की बहुत आवश्यकता होती है। यदि पहले से बचत न की गई तो विपत्ति के समय हमें दूसरों के आगे हाथ फैलाने पड़ सकते हैं।

हमारी आज की छोटी-छोटी बचत या धन निवेश ही हमें भविष्य में आने वाले तमाम खर्चे का मुफ़्त समाधान कर देती हैं। आज की थोड़ी-सी समझदारी आने वाले भविष्य को सुखद बना सकती है। बचत करना एक अच्छी आदत है, जो हमारे वर्तमान के साथ-साथ भविष्य के लिए भी लाभदायक सिद्ध होती है। किसी ज़रूरत या आकस्मिक समस्या के आ जाने पर बचाया गया पैसा ही हमारे काम आता है। संक्षेप में कह सकते। हैं कि बचत करके हम अपने भविष्य को सँवार सकते हैं।


(ii) इंटरनेट का जीवन में उपयोग विषय पर दिए गए संकेत बिंदुओं के आधार पर लगभग 80 से 100 शब्दो में अनुच्छेद लिखिए।

■ इंटरनेट क्या है?

■ लाभ-समय की बचत, शिक्षा में सहायक

■ उपयोग के सुझाव

View Answer

Ans.

इंटरनेट क्या है?

आधुनिक युग सूचना प्रोद्यौगिकी का युग है। आज का विश्व विज्ञान के दृढ़ स्तम्भ पर टिका है। विज्ञान ने मनुष्य को अनेक शक्तियाँ, सुख-सुविधाएँ तथा क्रान्तिकारी उपकरण दिए हैं, जिनमें इन्टरनेट एक अत्यधिक महत्वपूर्ण, बलशाली एवं गतिशील सूचना का माध्यम है। सन् 1986 में इन्टरनेट का आरम्भ हुआ था। यह अनेक कम्प्यूटरों का एक जाल है, जिसके सहयोग से आज का मनुष्य विश्व के किसी भी भाग से किसी भी प्रकार की सूचना प्राप्त कर सकता है।

लाभ-समय की बचत, शिक्षा में सहायक – इंटरनेट से सारी दुनिया हमारी मुट्ठी में आ गई है। बस, एक बटन दबाइए सब कुछ क्षण भर में आँखों के सामने उपस्थित हो जाता है। इसने दुनिया के सभी लोगों को जोड़ दिया है। ज्ञान के क्षेत्र में अद्भुत क्रान्ति आ गई है। ज्ञान, विज्ञान, खेल, शिक्षा, संगीत, कला, फिल्म, चिकित्सा आदि सबकी जानकारी इंटरनेट से उपलब्ध है। इससे देश- विदेश के समाचार, मौसम, खेल सम्बन्धी ताजा जानकारी प्राप्त होती हैं। इन्टरनेट से विज्ञान, व्यवसाय व शिक्षा के क्षेत्र में अनेक कार्य होने लगे हैं, जिससे समाज में बेरोजगारी समाप्त हो सकती है।

उपयोग के सुझाव – इंटरनेट सभी के लिए उपयोगी है लेकिन इसका प्रयोग करते समय सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है जिससे हमारा डाटा सुरक्षित रह सकता है। इसका दुरुपयोग होने से भी बचाया जा सकता है। जल्दबाजी करने से हमारी सूचना व धन किसी दूसरे के पास पहुँच सकते हैं। अतः हमें इंटरनेट का प्रयोग करते समय अत्यंत सावधानी बरत चाहिए।


(iii) क्यों प्रिय है, मुझे मेरा देश ? विषय पर दिए गए संकेत बिंदुओं के आधार पर अनुच्छेद लिखिए |

■ भौगोलिक विविधता

■ प्राकृतिक सुंदरता

■ विविधता में एकता

View Answer

Ans.

मेरा देश, भारत, मुझे अपने आत्मा से जुड़े रहने के लिए विशेष और प्रिय है। इसकी भौगोलिक विविधता मुझे अद्भुत प्राकृतिक संरचनाओं का दर्शन करने का अवसर प्रदान करती है। मेरे देश के विभिन्न हिस्सों में बसी प्राकृतिक सुंदरता मुझे उनकी रचना और रंग-बिरंगी विविधता से प्रेरित करती है।

भारत की भौगोलिक विविधता विभिन्न जल, पृथ्वी, और वायुमंडलीय घटनाओं के अद्भुत संगम को दर्शाती है। उत्तर से लेकर दक्षिण तक, पश्चिम से पूर्व तक, भारत के विभिन्न हिस्से अपनी विविधता में एकता बनाए रखते हैं। यहाँ की समृद्ध जलवायु और जीवन की उपलब्धता इसे और भी विशेष बनाती हैं।

मुझे अपने देश की प्राकृतिक सुंदरता में इसकी विविधता का अन्वेषण करना प्रिय है। यहाँ की अनूठी जीवन पद्धतियाँ, वन्यजीवन, और विभिन्न प्राकृतिक संरचनाएँ मुझे अत्यधिक प्रेरित करती हैं। मैं इन्हें देखकर अपने देश के साथ जुड़े अनगिनत रहस्यों के बारे में और अधिक जानने लिए प्रेरित होता हूँ। इससे मुझे भारत के प्राकृतिक विविधता में एकता का अहसास होता है, जो हमें सभी को एक साथ रहने के लिए एक जैसे बनाता है।

भारत की विविधता में एकता देखना मुझे गर्वित करता है, और यह दिखाता है कि हम सभी क बड़े परिवार के हैं। इसे देखकर मैं अपने देश के प्रति अपनी भावनाओं को और भी मजबूत महसूस करता हूँ और मैं हमेशा इसे प्रेम और सम्मान से देखता हूँ।


15. अपनी गलत आदतों का पश्चात्ताप करते हुए अपनी माताजी को पत्र लिखिए और उन्हें आश्वासन दिलाइए कि फिर ऐसा न होगा।

View Answer

Ans.

रीठोला, नई दिल्ली

२४ मार्च २०१९

आदरणीया माताजी,

चरण कमल स्पर्श

कल २३ मार्च की शाम को मैं बाज़ार गया था वहाँ एक दुकान के काउंटर पर किसी का सुंदर पेन देखकर मेरा मन ललचा गया और आपको पता है कि पेन इकठ्ठा करने का मुझे कितना शौक है इसीलिए मैंने बिना कुछ सोचे समझे उसे उठा लिया यद्यपि मैं सिर्फ उसे अपने हाथों में देखना चाहता था,वहाँ बहुत भीड़ थी और पेन न पाकर दुकानदार ने शोर मचा दिया और लोग मुझे देख रहे थे क्योंकि मैं उस पेन को देखने में व्यस्त था। मुझे बड़ी शर्मिंदगी हुई और इससे पूरे परिवार का नाम बदनाम हुआ। मुझे खेद है कि मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था।

अतः आपसे क्षमा याचना करता हूँ। मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि भविष्य में ऐसी पुनरावृत्ति नहीं होगी।

आपका आज्ञाकारी बेटा

दिनेश

परीक्षा भवन,


अथवा

अपने पिता को पत्र लिखकर उन्हें अपने जीवन की भावी योजनाओं के बारे में बताइये।

View Answer

Ans.

नई दिल्ली।

02 मार्च, 2019 पूज्य पिता जी.

सादर चरण-स्पर्श।

मैं यहाँ सकुशल रहकर आशा करता हूँ कि आप भी सकुशल होंगे और ईश्वर से यही कामना भी करता हूँ। आपने पिछले पत्र में मेरे जीवन की भावी योजनाओं के बारे में जानना चाहा था। इस पत्र में मैं आपको अपनी भावी योजनाओं के बारे में बता रहा हूँ।

पिता जी, सर्वप्रथम दसवीं परीक्षा ग्रेड में उत्तीर्ण होकर ग्यारहवीं कक्षा में विज्ञान संकाय में प्रवेश लेना चाहता हूँ। मैं भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान तथा गणित में खूब परिश्रम करना चाहता हूँ। बारहवीं में आते-आते मैं प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए भी कुछ समय देना चाहता हूँ। इससे बारहवीं की परीक्षा अच्छे ग्रेड में उत्तीर्ण होने के साथ-साथ किसी अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश लेना चाहता हूँ। वहाँ इंजीनियरिंग की परीक्षा सफलतापूर्वक उत्तीर्ण कर इंजीनियरिंग सेवा में जाना चाहता हूँ। मैं सरकारी सेवा करते हुए इंजीनियर की अलग छवि पेश करना चाहता हूँ। ईश्वर की कृपा और आपके आशीर्वाद से मैं अपने उद्देश्य में अवश्य सफल होऊँगा।

घर में सभी को यथोचित प्रणाम एवं स्नेह। मुझे पत्रोत्तर की प्रतीक्षा रहेगी।

आपका प्रिय पुत्र,

मोहित मल्होत्रा


16. दिए गए चित्र को देखकर लगभग 100 शब्दों में वर्णन कीजिए।

View Answer

Ans. यह चित्र एक पार्क का है, जिसमें बच्चे और बूढ़े टहलते और खेलते दिखाई पड़ रहे हैं। पार्क में एक छोटा-सा पुल बना है। पुल के नीचे छोटा सा तालाब है जिसमें कमल के फूल खिले हैं। तालाब में कुछ बत्तख तैर रही हैं। पार्क में अनेकों प्रकार के पेड़-पौधे लगे हुए हैं। एक बालिका तितली को पकड़ने की कोशिश कर रही है। पार्क में पानी का फव्वारा बना हुआ है जिसे देख कर पार्क में आए बच्चे उत्साहित हो रहे हैं। पार्क में एक वृद्धा भी आई है जो टहल रही है। एक परिवार पिकनिक मनाने पार्क में आया हुआ है।


17. बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी के संबंध में दो मित्रों के बीच होने वाले संवाद को लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए।

View Answer

Ans.

रवि –अरे अमित! कैसा चल रहा है?”

अमित –ठीक हूँ, यार। तू बता, बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी कैसी चल रही है?”

रवि –मैंने तो अभी कुछ शुरु भी नहीं किया है। तुमने तैयारी शुरू कर दी क्या?”

अमित –हाँ, यार। मैंने सोचा कि तैयारी जल्दी शुरु कर दूँ, ताकि बाद में कोई दबाव न रहे।

रवि –तुमने किन विषयों की तैयारी कर ली है?”

अमित – “मैंने अभी तक हिंदी और अंग्रेजी की तैयारी की है। बाकी विषयों की तैयारी अभी बाकी है।”

रवि –अच्छा! मुझे भी जल्दी तैयारी शुरू करनी होगी।

अमित –हाँ, यार। देर करना ठीक नहीं होगा।

रवि –ठीक है, यार। मैं आज से ही तैयारी शुरु कर दूँगा।

अमित –बढ़िया! मुझे भी अपनी तैयारी जारी रखनी होगी।रवि –हाँ, फिर बाद में मिलते हैं।

अमित – “ठीक है।”


अथवा

छोटा भाई अँधेरे से डरता है। इस संबंध में उसके साथ माँ की हुई बातचीत लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए।

View Answer

Ans.

छोटा भाई – (रोते हुए मम्मी, मुझे अँधेरे में डर लगता है।

माँ – (प्यार से) अरे बेटा, तुम्हें अँधेरे से क्यों डर लगता है।

छोटा भाई – (आँसू पोंछते हुए) पता नहीं मम्मी, सब कुछ डरावना लगता है।

माँ – (मुस्कुराते हुए) अरे, अँधेरे में कुछ डरावना नहीं होता।

छोटा भाई – (नाक सिकोड़ते हुए) पर मम्मी, अँधेरे में वो भूत…..

माँ – (हँसते हुए) भूत? अरे बेटा, भूत तो होते ही नहीं हैं।

छोटा भाई – ( अविश्वास से) सच में?

माँ – (प्यार से) हाँ बेटा, सच में सो जाओ, मैं तुम्हारे पास ही रहूंगी। छोटा भाई – (गले लगते हुए) ठीक है मम्मी, अब डर नहीं लगेगा।